Friday, December 11, 2020

३४. समीक्षा - रामकुमार सिंह द्वारा लिखी "सुपरस्टार की मौत"

समीक्षा - रामकुमार सिंह द्वारा लिखी "सुपरस्टार की मौत"

 


** इस कहानी के सभी पात्र असली हैं। उतने ही असली, जितना रामगाढ़ में गब्बर सिंह था, मुंबई में भीखू म्हात्रे और फ़तेहपुर में असलम पंचरवाला। **

किताब के मस्तक पर यह पंक्तियाँ साफ़ बयान करती हैं की यह कहानी किसी बॉलीवुड इनसाइडर की लिखी हुई है। कहानी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर आधारित है और सभी पात्र उसी से ही जुड़े हुए हैं। शीर्षक से यह ज़ाहिर है की एक सुपरस्टार की मौत हो जाती है। कैसे, यह जानने के लिए आपको इसे खुद ही पढ़ना होगा। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है की यह एक मर्डर मिस्ट्री है। इसमें एक लड़का है, एक लड़की है, एक लेखक, एक निर्देशक और एक सुपरस्टार है। इन्ही किरदारों के बीच झूलता, यह एक दिलचस्प उपन्यास है।

कहानी के मुख्य किरदार, एक लड़का और एक लड़की, दोनों ही उत्तरी भारत के शहरों से मुंबई में अपने सिल्वर स्क्रीन पे छा जाने के सपने को पुरे करने आते हैं। लड़का कहानीकार और लड़की एक अभिनेत्री बनना चाहती है। पर मुंबई, जो अपने अंदर अपार कौशल समेटता है, उन दोनों को स्ट्रगल करने पर मजबूर करता है। जैसा की होना चाहिए, लड़का और लड़की मिलते हैं और एक से हालात होने के कारण अच्छे दोस्त बन जाते हैं। लड़का एक बूढ़े उपेक्षित लेखक से मार्गदर्शन लेता है और सुपरस्टार उसकी नई और रोचक कहानियों को अपनाना चाहता है। सुपरस्टार एक बेहद अभिमानी आदमी है जो की अपनी गिरती हुई छवि बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। लड़की, छोटे-मोठे रोल करते-कराते, आखिर एक दिन निर्देशक की नज़रों में आ जाती है, जिसकी उससे कीमत चुकानी पड़ती है। निरदेशक एक सनकी लेकिन प्रतिभशाली व्यक्ति है जो जिस किसी को छू ले, वह ऊंचाइयों तक पहुंच जाता है।

कहानी के मुख्य किरदारों तो बेनाम ही रखा गया है और इसकी वजह से यह पढ़ने में और भी रोमांचक हो जाता है। उपन्यास का कथन बहुत ही सरल भाषा में किया गया है। छोटे वाक्यों और रंगीन शब्दों से लेखक पढ़ने वाले को बांधे रखता है। सभी किरदारों का विवरण उचित है और यह इसे एक नाटकिय रूप देता है। लेखक की पाठक से की गयी सीधी बात पाठकों को संकेद्रित रखती  है। रामकुमार जी ने उपन्यास में कई जगह प्रसिद्द फिल्मों का (जैसे शोले, सत्या और महाभारत भी) ज़िक्र किया है जो की कहानी को और भी मनोरंजक बनता है। यह मुंबई फिल्म इंडस्ट्री की रहस्यमयी व कड़वी सच्चाई दर्शाने का एक बेहतरीन अभ्यास है।


किताब - राईटर्ज़मेलन के सौजन्य से